Quantcast
Channel: Culture-Vulture – Youth Ki Awaaz
Viewing all articles
Browse latest Browse all 5195

दूरदर्शन के मोगली से अलग है नेटफ्लिक्स के मोगली का संसार

$
0
0

नब्बे के दशक में दूरदर्शन पर ‘द जंगल बुक’ नाम से शुरू हुए धारावाहिक के बाद ‘मोगली’ का किरदार घर-घर में लोकप्रिय हो गया था। गुलज़ार का लिखा शीर्षक गीत “जंगल जंगल बात चली है, पता चला है, चड्डी पहन के फूल खिला है”, सबकी ज़ुबान पर चढ़ चुका था।

लेखक रुडयार्ड किपलिंग की कहानी ‘द जंगल बुक’ पर आधारित इस किरदार पर हॉलीवुड में पहले भी फिल्म बन चुकी है लेकिन वह ऐनिमेटेड फॉर्म में थी। बच्चों को ध्यान में रखकर बनी थी। अब नेटफ्लिक्स एक नए नाम के साथ मोगली को फिर लेकर आया है। शीर्षक रोल में रोहन चंद ने प्रभावित किया।

mowgli review
मोगली का दृश्य। फोटो सोर्स- Youtube

नेटफ्लिक्स के मोगली में गहरी परती हैं। किरदार में पढ़ने के लिए बहुत कुछ है। संवेदनाओं की परतें दिलचस्प हैं। भारत में फिल्म हिंदी में भी रिलीज़ की गई है। बॉलीवुड के जाने पहचाने नामों ने वॉइस ओवर देकर इसे रोचक बना दिया है। यदि आपने दूरदर्शन के ज़माने वाला ‘द जंगल बुक’ देखा होगा तो मोगली के संसार को बदला हुआ पाएंगे। मूल कहानी हालांकि वही मिलेगी लेकिन बहुत कुछ बदला हुआ है।

एक आदमखोर बाघ के हमले में मारे गए कुछ लोगों में एक छोटा बच्चा किसी तरह बच जाता है। इस बच्चे को बघीरा भेड़ियों के पास छोड़ देता है। भेड़िए इस मासूम की देखभाल व लालन-पालन करते हैं। यही बच्चा आगे चलकर जंगल को शेर से मुक्ति दिलाता है। मोगली कुल मिलाकर दादी नानी के किस्सों सी नहीं, यह एक बच्चे की खुद को जानने की यात्रा है।

मोगली जंगल को अपना परिवार समझता है। इंसान व पशुओं के संवाद हमारे भीतर के इंसान छू जाने का प्रयास करते हैं। मोगली की दिली ख्वाहिश है कि वह भेड़िये के रूप में पैदा हो। कोई भेड़िया इंसान के पास नहीं जाएगा। इंसान को पालतू पशुओं का शिकार मना है। कोई भेड़िया इंसान को नहीं मारेगा क्योंकि इंसान का मरना आफत लाता है। यह आफत जंगल और जानवरों पर बराबर रूप से पड़ती है। यह  मूल आस्था कथा में रुचि का कारण है।

mowgli review
मोगली का दृश्य। फोटो सोर्स- Youtube

फिल्म के संवाद ठीक ठाक हैं। वॉयस ओवर हालांकि बहुत प्रभावी बनते बनते रह गए। मूल जंगल बुक की कहानी में इंसानी बच्चे को जंगली जानवरों ने मिलकर पाला था। बच्चा अपनी प्रतिभाओं के साथ उनका बच्चा बन जाता है। नेटफ्लिक्स की फिल्म में ज़ोर प्रतिशोध पर है। बच्चे की आत्मा का पक्ष बहुत प्रकाश में नहीं है।

जंगल का डरावनापन उसकी नैसर्गिक खूबसूरती से अधिक रच गया है। प्रकृति के नैसर्गिक दृश्यों की यहां कमी खलती है। बहती नदी,पक्षियों के झुंड, दरख्तों का कारवां सचमुच कमाल कर सकते थे। मोगली का दोस्त, नन्हा सफेद भेड़िया आदि आसपास के साथियों में बहुत संभावनाएं थी लेकिन उन्हें ऊपर-ऊपर ही छुकर निकला गया है। मोगली कुल मिलाकर दादी नानी के किस्सों सी नहीं, यह एक बच्चे की यात्रा है, एक आत्मनवेषी सफर। जोकि बहुत सुंदर हो सकता था किंतु बाकी ही रहा।

_______________________________________________________________________________

नोट- यह लेख पहले jankipul में पब्लिश हो चुका है।

The post दूरदर्शन के मोगली से अलग है नेटफ्लिक्स के मोगली का संसार appeared first and originally on Youth Ki Awaaz and is a copyright of the same. Please do not republish.


Viewing all articles
Browse latest Browse all 5195

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>