पहले यह सुनो कि I can’t still get over Arya Stark. लड़की बहुत गज़ब निकली, इसीलिए ही मोदी जी कहते हैं, “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ”। इसमें हम ऐड कर देते हैं कि बेटी को मार्शल आर्ट्स सिखाओ।
भैया बताए देब कि यह सीरीज़ एकदम फेमिनिस्ट है। महिलाएं ही हीरो हैं, महिलाएं ही विलेन हैं।
अब आज के शो पर आते हैं। ऐपिसोड का नाम ही है लॉंग नाइट, तो पहले बता देते हैं कि स्क्रीन की ब्रायट्नेस थोड़ी बढ़ानी पड़ेगी और अगर कमरा का सब लाइट बंद करके देखें तो लगेगा कि बिलकुल आप ही हैं युद्ध मैदान में।
तो गेम ऑफ थ्रोन्स के तीसरे एपिसोड में देखन में छोटन लगे घाव करै गम्भीर वाली कहावत चरितार्थ हुई। पूरा कहानी छोड़िये, बस यह समझिए कि जो डकैत पिछले एपिसोड में आये थे वो ससुरे भारी पड़ने लगे। छोटे डकैतन सब पुराने आशिक थे, आग के दरिया से डूबके निकल ले रहे थे। एक तो सर्दी की शादी ऊपर से डकैत सब कोहरा वाला मशीन ले आये। उस कोहरे में डकैतन की और दूल्हा दुल्हन की बाइके भी लड़ गईं।

घर में पला चचा का लौंडा नमक का हक अदा कर दिहिस। फ्रेंडज़ोन से बाहर निकलने के चक्कर में जोरा मामू शहीद हो गए और इस तरह उनकी मुहब्बत, दास्तां बन गयी।
डकैतवा ससुर अपना काम करे देहिस रहा कि घर की छोटी बिटिया खेला कर गई। लइकिया को जो कराटे बचपन में सिखाये रहे ऊ काम आ गवा। घर का चरसी लौंडा अंत तक ट्रिप में ही रहा, कतई मलाना वाला माल फूके पड़ा था। दूल्हे जॉन का अब यह हाल है कि सोचा था संजीव कुमार के घर ऊ बच्चन पैदा हुए है, आंख खुली तो पता चला शशि कपूर है, बच्चन तो बहनिया है।
आज के एपिसोड का मोरल ऑफ द स्टोरी ई है कि भैया मार करे से पहले “कर” लो, चुस्ती बनी रहती है।
The post GOT ऐपिसोड 3: ई फेमिनिस्ट सीरीज़ है, यहां महिलाएं ही हीरो हैं और विलेन भी appeared first and originally on Youth Ki Awaaz and is a copyright of the same. Please do not republish.