सभी फिल्मों की तरह “आर्टिकल 15” के भी शुरू होने से पहले वह पंक्ति चलती है, “इस फिल्म के सभी पात्र काल्पनिक हैं…”। फिल्म में ऐसा कुछ भी नहीं दर्शाया गया है, जिसे काल्पनिक कहा जाए या समझा जाए। इसका एक-एक छायाचित्र, जहां करेले के रस के समान कड़वा है, तो वहीं मृत्यु जितना यथार्थ भी। फिल्म जिन भी घटकों की बात करती है, वे सदियों से हमारे सामने चलते आ रहे हैं किंतु हम उससे...
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