हम पैदा होते हैं प्यार करते हैं और मर जाते हैं, लाइफ का ये ही 10% हिस्सा सबसे ज़रूरी होता है, बाकी 90% तो इन्हीं का रिफ्लेक्शन है। इन दिनों एक नई चरस मार्केट में आई हुई है, Misogynist टाइप की या यूं कहें कि The f*** patriarchal Society वाली सोच के साथ कबीर सिंह (ऐसा रिव्यू आया है)। तो कल जब पेपर खत्म हुआ, तो सोचा कि नई चरस है, ट्राई तो करना बनता है, इसलिए पहुंच गया टॉकीज़। हो सकता है अपने मेल इगो...
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