देश के सबसे बड़े सूबे में इन दिनों पत्रकारों पर कार्रवाई चर्चा में है। बचपन में एक कहावत पढ़ी थी, कलम तलवार से ज़्यादा ताकतवर होती है लेकिन यूपी में नज़ारा थोड़ा अलग है। यहां सरकार, प्रशासन और पुलिस ज़्यादा ताकतवर है, जिसका संयुक्त काॅकटेल कलम को कभी भी तोड़-मरोड़ सकता है। बीते कई दिनों से प्रदेश में यही होता आ रहा है। खबर कवर रहे पत्रकारों की पिटाई हो या खबर छापने वाले पत्रकारों पर मुकदमा। अजीब संयोग...
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