आज से कुछ साल पहले जब देश को आज़ादी मिली तो सभी ने मिलकर एक उज्ज्वल भारत का सपना देखा। सभी ने आज़ाद भारत में गुलामी मुक्त देश का सपना देखा। लेकिन सच्चाई इससे थोड़ी अलग है। शायद देश उन्नति की राह पर होगा पर देश आज़ाद होने के बाद भी हम किसी-ना-किसी तरीके से गुलाम ही रहे हैं। कहीं पूंजीपतियों की गुलामगिरी, तो कहीं जातिवाद की गुलामगिरी, तो कहीं अफसरों की या नेताओं की। हम गुलामगिरी से मुक्त नहीं हो पाए...
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