सामाजिक मुद्दों पर बनी मधुर भंडारकर की फिल्म फैशन, जिसमें फैशन जगत की चकाचौंध में मानवीय मूल्यों के अस्तित्व पतन को दिखाया गया है। आर बाल्की की फिल्म पैडमैन, जिसमें महिलाओं के पीरियड्स के बारे में बताया गया है, जिसे आज तक हमारे समाज में एक टैबू की तरह देखा जाता है। मूवी में बताया गया है कि पीरियड्स कोई सामाजिक कुरीति नहीं है, बल्कि यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जो हर महिला की ज़िंदगी का हिस्सा है।
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