खासकर उत्तर भारत के जिस परिवेश में मैं पला-बढ़ा हूं, वहां बारहवीं में प्रवेश के बाद बच्चों के दिमाग में आगे के कैरियर के लिए एक अभिलाषा पलने लगती है। यह अभिलाषा अधिकांश मामलों में दूसरे लोगों का अनुसरण करने में निहित होती है। अधिकांश मामलों में बच्चे अपने कैरियर से ज़्यादा इस खुमार में चूर रहते हैं कि वे अब आगे की पढ़ाई बड़े शहरों जैसे प्रयागराज, कोटा, दिल्ली आदि जगहों पर करेंगे। उदाहरण के तौर पर यदि...
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