दुनिया में जो सबसे सीधी, सरल और सच कहने लायक बात है, वो है मौत! फिर भी यह सबसे सहज बात स्वीकार करने में इतना कष्ट क्यों होता है? जब सबको पता है कि यह होना है फिर भी इतना दर्द क्यों? शायद हमारी सभी चीज़ों को पाने और अपने पास रखे रहने की आदत की वजह से ऐसा होता है। दो दिन पहले ही कबीर का दोहा पढ़ा था- पानी केरा बुदबुदा, अस मानुस की जात। एक दिना छिप जाएगा, ज्यों तारा परभात।। बात सच है यह पता है लेकिन जब...
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