जब बात संगीत की आती है तो चेहरा अपने आप खिल उठता है। ऐसा हो भी क्यों ना, भला बचपन से ही संगीत का शौक जो रहा है। खुशी हो, गम हो, बारिश हो, मन उदास हो या फिर सर्दियों की शाम हो। कुछ है जो मन को बहला सकता हो, तो वो है संगीत। सही मायने में यह ईश्वर और मनुष्य के बीच का संवाद है, जो लफ्ज़ों से होकर रूह में उतरता है। मैंने जब भी खुद को अकेला महसूस किया है तब-तब संगीत ने मुझे खुद से बांधे रखा है। एक संगीत...
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