किसी भी समुदाय की वास्तविक स्थिति और विचारधारा को उनके भाषा के द्वारा समझा जा सकता है। आज के ग्लोबलाइज़ेशन के युग में जब सब कुछ एक जैसा हो रहा है, तब हम आदिवासियों और मूलवासियों की धनी संस्कृति को संरक्षित करने की चुनौती से जूझ रहे हैं। यूनाइटेड नेशन्स ने 2019 को मूलवासी भाषाओं का अंतरराष्ट्रीय साल घोषित किया है। UNESCO भाषाओं को “सुरक्षित” और “लुप्त” के दो पैमानों के बीच रखती है। जो भाषाएं खतरें...
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