इस पुरुष प्रधान समाज में एक निर्धन, असहाय और अनपढ़ स्त्री का ईमानदारी से दो वक्त कि रोटी जुटाना भी वास्तव में एक चुनौती है। हाल ही में मैंने नेटफ्लिक्स पर एक फिल्म देखी। ‘पिंकी मेमसाब’। जिसे देखकर औरत की व्यथा पर दिल रो उठा। एक पाकिस्तानी औरत अपने और अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए पाकिस्तान से दुबई आती है। आने के बाद एक दंपत्ति के यहां एक मेड की नौकरी पकड़ लेती है और पूरे उत्साह के साथ बिना चेहरे पर...
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