एक देखने लायक हॉरर फिल्म। बारीक सूक्ष्म दृष्टि लिए हुए फिल्म। इस किस्म की हॉरर फिल्में बहुत कम बनती हैं। इस विषय की फिल्मों की एक खास रूपरेखा-सी गढ़ दी गई है। क्यों एक हॉरर फिल्म वैसी ही होनी चाहिए जैसी की बनाई जाती है। अस्सी के दशक में रिलीज़ ‘गहराई’ प्रचलित मान्यता को तोड़ती फिल्म है। हिन्दी सिनेमा में हॉरर फिल्मों का मतलब या तो रामसे बंधुओं की बनाई टिपिकल फिल्मों से लगाया जाता है, या फिर...
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