लौंडा नाच बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश की एक लोक कला है। एक नाच जिसका नाम सुनते ही लोग अपना खाना छोड़कर इसे देखने चल देते और रात भर इसे देखने के बाद ही अपने घर लौटते थे। 20वीं सदी के शुरुआत में प्रचलन में आई यह कला महज़ मनोरंजन का साधन भर नहीं था। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान एक तरफ जहां गांधी जी सामाजिक बुराइयों को दूर करने की कोशिश कर रहे थे, वहीं दूसरी तरफ यह कला अपने कार्यक्रमों के माध्यम से उन...
↧