श्रद्धा की सीढ़ियों पर खून ही खून जमे मिलेंगे। ऐसा कहते हैं कि जीसस क्राइस्ट इन्हीं सीढ़ियों पर अपने सलीब घसीटते चले गए। जख्मों से रिसता लहू, सिर पर सजा कांटों का ताज। जीसस ने सूली पर अपने प्राण त्यागते हुए कहा “हे परम पिता, इन्हें क्षमा करना क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं।” आये-हाये आतताइयों की मासूमियत को काला टीका लगा देना चाहिए। जीसस की बात को आगे बढ़ाते हुए हम इसी निष्कर्ष तक...
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