शादी का लड्डू ‘जो खाए पछताए, जो ना खाए पछताए’ कहावत तो हम सबने सुनी ही होगी। शादी बंधन ही ऐसा है, जो कुछ खट्टे तो कुछ मीठे पलों को सहेज कर ज़िन्दगी के कई रंगों को दिखाता है। एक समय था, जब किसी घर में लड़की के पैदा होते ही माँ-बाप को उसकी शादी और दहेज-दान की चिंता होने लगती थी। कुछ लोग घर में लक्ष्मी आई है कहकर बधाई देते थे तो कुछ लड़की के पैदा होने पर दुःख मनाते थे, पर जैसे-जैसे समय बीतता गया वैस...
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