“किताब” केवल एक किताब नहीं है वरन उन अनगिनत पलों का हिसाब है, जिसकी भरपाई कर पाना नामुमकिन है। यह जवाब है, तमाम शिक्षा के विचारणीय सवालों का और बदहाल शिक्षा तंत्र और अनेकों साक्षर शिक्षकों पर भी प्रश्नचिन्ह है, जो साक्षर और सुशिक्षित होने के बीच का बड़ा फासला कभी समझ ही नहीं पाए। “किताब” आर डी सैनी के व्यक्तित्व निर्माण की वो कहानी है जिसे गढा ही है, एक किताब ने। यह उदाहरण है एक किताब की ताकत क...
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