बेबस किसान, अनमेल विवाह और दहेज़ प्रथा के बीच झुंझलाती भारतीय महिला, हर दिन ज़हर के समान अस्पृश्यता का घूंट लगाते दंपति, बेटे का सुख ना दे पाने के कारण लज्जित होती माँ, भ्रष्ट अधिकारियों के बीच ईमानदार दारोगा, असामान्य स्थितियों को संभालती बड़े घर की बेटी जैसे कई पात्रों से अपनी कहानियां गढ़ने वाले हिंदी साहित्य के महान शिल्पकार थे मुंशी प्रेमचंद। ये पात्र हमारे जीवन से कुछ अलग नहीं हैं। य...
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