सूर्यदेव अर्ध्य मंत्र !! एहि सूर्य ! सहस्त्रांशो ! तेजो राशे जगत्पते !! !! अनुकम्प्य मां भकत्या गृहाणार्ध्य दिवाकर !! अर्थात हे सहस्त्रांशो ! हे तेजो राशे ! हे जगत्पते ! मुझ पर अनुकंपा करें। मेरे द्वारा श्रद्धा भक्तिपूर्वक दिए गए इस अर्ध्य को स्वीकार कीजिए, आपको बारंबार शीश नवाता हूं। भारतीय लोक संस्कृति में सबसे ज़्यादा भक्ति भाव, नेम धर्म और पवित्रता के साथ कार्तिक मास में मनाए जाने वाले सूर्य...
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