श्री राम के कदमों की छाप पर वाकई में इतनी ताकत है कि उन निशानों की महक को पूजने वाला हर व्यक्ति सत्ता की छाया का हकदार हो जाता है। भले ही अयोध्या की भूमि में उन कदमों की छाप नज़र ना आए लेकिन उस ज़मीन को पूजने वालों की संख्या में अनगिनत कदमों का जमावड़ा शामिल है। मैं नहीं जानता अयोध्या की पवित्रता मंदिर से आती है या मंदिर में बजने वाली घंटियों की आवाज़ इसकी पवित्रता बढ़ाती है? लेकिन आनंद पटवर्धन जी क...
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