एक समय था, जब पूरे परिवार को वीकेंड का इंतज़ार रहता था। हां, इंतज़ार इसलिए क्योंकि स्कूलवालों की स्कूल से छुट्टी होती थी और जॉब वालों को ऑफिस से राहत मिलती थी। यही वह वीकेंड यानि रविवार हुआ करता था, जब पूरा परिवार एक साथ फिल्म देखने जाते था। परिवार के सभी सदस्य उस हफ्ते रिलीज़ हुई फिल्मों में से अपनी पसंद की फिल्म बताते थे और जिस पर सहमति बन जाती थी, उसे पूरा परिवार एक साथ थिएटर में देखा करता था।
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