एक कहावत है, “एक आदमी जो देखता है, वही सोचता है और जो सोचता है, वही कहता है। जो कहता है, वही करता है और जो करता है, वैसा ही बन जाता है।” इसलिए एक आदमी क्या देखता है बल्कि हम कहें एक आदमी को क्या दिखाया जाता है यह बहुत महत्व पूर्ण हैं। एक समाज में एक व्यक्ति को जो दिखाया जाएगा, धीरे-धीरे वैसी ही प्रवृत्ति उस समाज में पनपने लगती है। आज कल ओ.टी.टी. मनोरंजन के साधन के विकल्प के रूप में बहुत तेजी स...
↧