मध्य प्रदेश के उज्जैन ज़िले के कुछ गाँवों की लड़कियों के साथ मैं लिंगभेद के काम के माध्यम से जुड़ी हई हूं। ग्रुप में ऐसी लड़कियां भी हैं जिन्होंने पांचवी या आठवीं के बाद स्कूल जाना छोड़ दिया है। उसकी वजह वे बताती हैं कि उनके समाज में लड़कियों को आठवीं कक्षा के बाद पढ़ाते नहीं हैं बल्कि, उनकी शादी करा दी जाती है। ग्रुप में मैंने सहज़ता से प्रश्न पूछा था कि पढ़ने में मन नहीं लगता? उस समय पांचवी कक्षा की लड़क...
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