बाल विवाह यह शब्द सुनते ही आपके मन में क्या ख्याल आता है? एक अबोध सी बालिका, जिसने अभी ठीक से अपने पैरों पर खड़ा होना भी नहीं सीखा है और उसे समाज द्वारा ज़बरन वैवाहिक बंधन में बांध दिया जाता है। मुझे यह समझ में नहीं आता है कि हम 21वी सदी में जी रहे हैं। हमारा देश तरक्की कर रहा है, आगे बढ़ रहा है पर भीतर-ही-भीतर समाज के इन दकियानूसी नियमों ने हमें खोखला कर रखा है। हमारे सभ्य और आदर्श कहे जाने वाल...
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