How Ads Learnt That ‘Women Empowerment’ Sells More Than Objectification
It was in the 1920s, with the first wave of feminism in full swing, that the American Tobacco industry first appropriated the movement. Edward Bernays, who later came to be known as the “founder of...
View ArticleSavita Bhabhi and I: A True Love Story
This piece was originally published on www.agentsofishq.com, a project that seeks to create honest, informative, loving conversations around sex, love and desire. By Sumit Kumar: Here is something you...
View Articleक्यों हमारी मीडिया को चाहिए यौन हिंसा के व्याख्या की ट्रेनिंग
एक डरी हुई महिला जिसके ऊपर एक पुरुष की परछाई पड़ रही है, फटे हुए कपड़े और अपने हाथों से चेहरा झुपाए हुए कोई महिला। ये कुछ ऐसे चित्रों और तस्वीरों के उदहारण हैं जो अमूमन यौन हिंसा (सेक्सुअल वायलेंस) को...
View Article‘I Am Never Going To Censor Myself’: Vir Das Defends His Comedy (And Mastizaade)
According to me, the genre of comedy in India has undergone a major transformation in the last decade, especially when it comes to the number of comedians, the kind of sets they perform, and the...
View Articleआज़ादी के 70 साल बाद भी भारत आदिवासी और नक्सली में फर्क क्यों नहीं कर पाता?
एक दिन मैंने किसी न्यूज़ चैनल पर किसी राजनीतिक पार्टी के एक प्रवक्ता को ‘राष्ट्र’ और ‘ राष्ट्रवाद’ की परिभाषा देते हुए सुना कि जो व्यक्ति देश की आस्था और संस्कृति की संवेदनाओं से प्रेरित होता है वही...
View ArticleSonu Nigam Ko Gussa Kyoon Aata Hain?
Let us try to understand the term “forced religiousness“, coined by the infamous Sonu Nigam, everyone’s favourite singer and Twitterati, when he was forcibly woken up by a sudden call for prayer. What...
View Articleमंगल पांडे ने नहीं तिलका मांझी ने किया था अंग्रेज़ों के खिलाफ पहला विद्रोह
चीखती घटनाएं तो इतिहास में बड़ी सहजता से जगह पा लेती हैं, मगर ख़ामोश घटनाएं उतनी ही आसानी से नजरअंदाज़ भी कर दी जाती हैं, लेकिन कभी-कभी ख़ामोश घटनाएं ज़्यादा वज़नदार साबित होती हैं। भारत के इतिहास में कई...
View Article3 Mistakes You Must Avoid If You Don’t Want To Lose Your Instagram Followers
By Walter Moore: Statistics reveal that Instagram gets almost 1,000 comments every second and 1.2 billion likes every day. Today, Instagram engagement is 15 times greater than Facebook engagement and...
View Articleआज ही के दिन जन्मे थे भारतीय सिनेमा के जनक दादासाहेब फाल्के
भारतीय सिनेमा के जनक दादासाहेब फाल्के का आज 147वां जन्मदिन है। आज ही के दिन सन 1870 को नासिक के पास त्रियम्बकेश्वर में इनका जन्म हुआ और नाम रखा गया धुंडीराज गोविन्द फाल्के। फाल्के ने जब फ्रेंच फिल्म ‘द...
View Articleहाशिए पर खड़े समाज के किरदारों का सबसे बड़ा नायक बलराज साहनी
बलराज साहनी सिनेमा की एक अविस्मरणीय शख्सियत रहे हैं। अभिनय में आज भी उन्हें एक बड़ा आदर्श माना जाता है। बलराज साहब लीक से हटकर काम करने के लिए जाने जाते थे। वह एक जुझारू एवं समर्पित कलाकार थे। बलराज...
View ArticleIn The Age Of Fake News & Trolling, This Is The Most Important Thing To...
You, who are reading this article – you belong to a generation that possesses tabs and smartphones; you are the ones who scroll, tag, share and upload instantaneously; you are the ones who do not walk...
View ArticleWhat’s Disturbing About India’s Latest Rank On The Press Freedom Index
In the pre-Independence period, Indian nationalists faced several harsh experiences, when it came to free speech. The colonialists feared free speech as it would engage and unite the masses in...
View Articleआज़ादी के 70 साल बाद भी भारत आदिवासी और नक्सली में फर्क क्यों नहीं कर पाता?
एक दिन मैंने किसी न्यूज़ चैनल पर किसी राजनीतिक पार्टी के एक प्रवक्ता को ‘राष्ट्र’ और ‘ राष्ट्रवाद’ की परिभाषा देते हुए सुना कि जो व्यक्ति देश की आस्था और संस्कृति की संवेदनाओं से प्रेरित होता है वही...
View Articleआज ही के दिन जन्मे थे भारतीय सिनेमा के जनक दादासाहेब फाल्के
भारतीय सिनेमा के जनक दादासाहेब फाल्के का आज 147वां जन्मदिन है। आज ही के दिन सन 1870 को नासिक के पास त्रियम्बकेश्वर में इनका जन्म हुआ और नाम रखा गया धुंडीराज गोविन्द फाल्के। फाल्के ने जब फ्रेंच फिल्म ‘द...
View ArticleIn The Age Of Fake News & Trolling, This Is The Most Important Thing To...
You, who are reading this article – you belong to a generation that possesses tabs and smartphones; you are the ones who scroll, tag, share and upload instantaneously; you are the ones who do not walk...
View Articleदलित संघर्ष को पर्दे पर उकेरती फिल्म ‘लाइफ ऑफ एन आउटकास्ट’
हर दौर में कुछ ऐसे फिल्म निर्देशक आते हैं जो उनके समकालीन सिनेमा से हटकर कुछ करने की कोशिश करते हैं। नफे-नुकसान के समीकरणों को एक तरफ रखकर कला को आगे लेकर आने का प्रयास इस तरह के लोगों की हमेशा से ही...
View Articleराजस्थान के इस गांव में है भाइयों के बीच पत्नी बांटने की प्रथा
अनीश गुप्ता और त्रिश्ना सरकार ये लेख Down to Earth के लेख का हिंदी अनुवाद है राजस्थान के अलवर से 66 किमी दूर मनखेरा गांव। पूरे गांव में जाट समुदाय का बोलबाला। जनसंख्या के हिसाब से भी और रुतबे के हिसाब...
View Articleअपने प्रॉडक्ट को बेचने के लिए सेना का इस्तेमाल करती कंपनियां
उपभोक्तावाद की रचनात्मक अभिव्यक्ति अपने चरमोत्कर्ष पर है, रोज़ नए विज्ञापन हमारे मनोविज्ञान को प्रभावित करते हैं। हम घिरे हुए हैं चारों तरफ से उपभोक्तावाद के मकड़जाल से। पर मेरा प्रश्न इस उपभोक्तावाद से...
View Articleमिशन से शुरू हुए पत्रकारिता का उद्योग में बदलने का सफर
“खींचो न कमानों को न तलवार निकालो, जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो” – अकबर इलाहाबादी ऐसा ही कुछ हुआ था जब अख़बार आया था, हम तोप का मुकाबला तोप से नही अपनी कलम से कर रहे थे। इस कलम की आंधी की शुरुआत...
View Articleभूखा भारत देखना हो तो ‘उस्ताद होटल’आइयेगा
उस्ताद होटल एक ऐसी फिल्म है जो सही मायने में आपको भोजन की असली अहमियत बताती है। यह फिल्म 2012 में आयी एक मलयाली फिल्म है जिसके मुख्य किरदार दुल्कार सलमान व नित्या मेनन हैं। यह एक बेहतरीन फिल्म है जो...
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